विभाग प्रमुख के अनुसार प्रतिवेदन जांच हेतु भेजा
खैरागढ़-छुईखदान-गंड़ई (अमर छत्तीसगढ़) 24 मई। वन मंडल खैरागढ़ में वन विभाग का एक कारनामा सामने आया है जो कि दो वर्ष पूर्व अक्टूबर 2022 में मुख्य वन संरक्षक दुर्ग ने पत्र क्रमांक 7355 में डीएफओ को पत्र भेजते हुए डोंगरगढ़-छुईखदान-गंड़ई-साल्हेवारा-खैरागढ़-बोरतालाब के रेंजर,डिप्टी के विरुद्ध झुठे प्रमाणक बनाकर फर्जी भुगतान करने के साथ ही लगभग डेढ़ करोड़ रुपये राशि गबन के जांच हेतु डीएफओ को पत्र लिखा। जिसमें 15 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन मांगा था। अब तक प्राप्त नहीं हुआ संपूर्ण मामले उच्च स्तरीय जांच आवश्यक बताई जा रही है। इसमें मुख्यमंत्री, वनमंत्री, जिले के प्रभारी मंत्री के द्वारा जांच आदेश करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तथा मुख्य वन संरक्षक द्वारा दिये गये जांच निर्देश के अनुसार मामला खैरागढ़ -डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र का है, जहां जनवरी 2021 से मार्च 2021 तक लाइन कटाई, जलाई आदि कार्य के लिए करोड़ों रुपए का फज़ऱ्ी भुगतान कर दिया गया, जिसे वन अफ़सरों ने आपसी साठगांठ कर करोड़ों रुपए की सरकारी राशि ग़बन कर दी. फज़ऱ्ी प्रमाणक और दस्तावेज़ों में उलट पलट कर कुल 1,35,85,314 रुपए की सरकारी राशि गबन करने के आरोप में वन विभाग के तत्कालीन डीएफओ, एसडीओ समेत डोंगरगढ़, छुईंखदान, गंडई और बोरतलाव के तत्कालीन रेंज आफि़सर भी शामिल हैं. पूरे मामले में वन मंडल अधिकारी खैरागढ़ को मुख्य वन संरक्षक दुर्ग द्वारा 10 अक्टूबर 2022 में पत्र प्रेषित कर जांच कार्रवाई कर जांच प्रतिवेदन 15 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किए जाने को लेकर पत्र प्रेषित किया गया था परंतु आज लगभग 2 वर्ष होने जा रहे हैं पर कोई कार्यवाही वनमंडल अधिकारी खैरागढ़ की ओर से नहीं की गई. खैरागढ़ वन मंडल के अधिकारी का कहना है कि पूरे मामले में जांच हो गई है. प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है.