राज्य शासन ने कहा किसी भी स्व सहायता महिला समूह को बाहर नहीं कर रही

राज्य शासन ने कहा किसी भी स्व सहायता महिला समूह को बाहर नहीं कर रही


रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ बिलासपुर अवर सचिव महादेव आगरकर ने जारी प्रेस नोट मेंं कहा है कि छग शासन के आदेश 26 नवंबर 2021 के तारतम्य में विभिन्न महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा अलग – अलग रीट याचिका प्रस्तुत की गई थी तथा राज्य शासन के उक्त निर्णय को चुनौति देते हुए अपास्त करने की मांग की गई थी। प्रकरण मेें संपूर्ण सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय ने आज यह व्यवस्था दी है कि चूंकि राज्य शासन इस योजना को एक फरवरी 2022 से लागू करेगा, तब तक किसी भी स्व सहायता समूह को राज्य शासन बहार नहीं कर रही है। और उन्हें तब तक कार्य की अनुमति शासन के नियमानुसार प्रदान की जा जाती है। 
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया कि यदि शासन चाहे तो राज्य शासन एवं स्व सहायता समूहों के बीच जो अनुबंध हुए है, उन्हें अनुबंधों की शर्तो अनुसार ही उसे समाप्त कर सकता है, एतद् द्वारा राज्य सरकार के उक्त निर्णय पर माननीय न्यायालय ने किसी भी प्रकार से रोक नहीं लगाया है। अत: राज्य सरकार अब स्वतंत्र है कि अपनी कार्यवाही, आदेश दिनांक 26.11.2021 के अनुसार कर सकती है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता श्री सतीश चन्द्र वर्मा ने माननीय न्यायालय को यह अवगत कराया है कि महिला समूहों को जो उनका मूल कार्य है। जिसमें रेटी टू ईट फूड को गरम पकाना, बच्चों को वितरीत करना, ट्रांसपोर्ट करना अर्थात जो मूल कार्य है वह करने की अनुमति राज्य सरकार पूर्व में ही दे चुका है और उनके हितों की रक्षा राज्य सरकार कर रही है। 
अतएव उपरोक्त तारतम्य में किसी भी अंतरिम आदेश की आवश्यकता महिला स्व सहायता समूह के लोगों के पक्ष में देने की आवश्यकता ह नहीं है। उपरोक्तानुसार मामले को राज्य शासन के जवाब के बाद दिनांक 12.1.2022 को सुनवाई के लिए तय किया गया है। 

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