मनरेगा में दो नए लोकपाल और अपीलीय प्राधिकरण में सदस्य की नियुक्ति

मनरेगा में दो नए लोकपाल और अपीलीय प्राधिकरण में सदस्य की नियुक्ति

मनरेगा संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिए कुल 16 लोकपाल पदस्थ, राज्य स्तरीय त्रि-सदस्यीय लोकपाल अपीलीय प्राधिकरण भी स्थापित

रायपुर(अमर छत्तीसगढ़ ). 16 दिसम्बर 2021. राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत शिकायतों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच एवं सुनवाई के लिए दो नए लोकपालों की नियुक्ति की गई है। इन्हें मिलाकर मनरेगा के अंतर्गत अब प्रदेश में 16 लोकपाल हो गए हैं, जिनके प्रादेशिक क्षेत्राधिकार में कुल 27 जिलों को शामिल किया गया है। राज्य स्तर पर स्थापित लोकपाल अपीलीय प्राधिकरण में भी एक सदस्य की नियुक्ति की गई है। नव नियुक्त लोकपालों एवं प्राधिकरण के सदस्य द्वारा संबंधित जिला मुख्यालयों व नवा रायपुर स्थित प्राधिकरण मुख्यालय में पदभार ग्रहण कर लिया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी नियुक्ति आदेश के अनुसार इन लोकपालों व प्राधिकरण के सदस्य की नियुक्ति दो वर्षों की अवधि के लिए की गई है। इसे अच्छे कार्य प्रदर्शन के आधार पर दो बार क्रमशः एक-एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है या 68 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, के लिए लागू होगी।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राजनांदगांव जिले के लिए श्री विवेक शुक्ला तथा दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के लिए श्री छत्र कुमार साहू को मनरेगा के अंतर्गत लोकपाल नियुक्त किया गया है। नवा रायपुर के सेक्टर-24 में ग्राम झांझ में बने आर.सी.टी.आर.सी. एवं आर.आर.एन.एम.यू. भवन के तृतीय तल में कक्ष क्रमांक 315, 316 और 317 में संचालित त्रि-सदस्यीय लोकपाल अपीलीय प्राधिकरण में तीसरे सदस्य के रुप में श्री राजर्षि कुमार त्रिवेदी को नियुक्त किया गया है। प्राधिकरण में लोकपाल द्वारा पारित अवार्ड दिनांक से 15 दिनों के भीतर अवार्ड से व्यथित पक्ष अपनी अपील लिखित रुप में प्रस्तुत कर सकते हैं। प्राधिकरण के द्वारा प्रस्तुत अपीलों पर दिया गया निर्णय मूल अवार्ड से जुड़े सभी पक्षों पर बाध्यकारी होता है।

लोकपाल के समक्ष शिकायत प्रस्तुत करने की प्रकिया

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा के अंतर्गत जारी लोकपाल के निर्देश (Instructions on Ombudsman) के अनुसार कोई भी नागरिक अथवा उसका अधिकृत प्रतिनिधि मनरेगा के क्रियान्वयन में कमी का आरोप लगाते हुये निर्धारित 24 विषयों में से किसी भी एक या एक से अधिक विषय पर अपनी लिखित शिकायत लोकपाल के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। शिकायतकर्ता को शिकायत में अपना नाम और पूर्ण डाक पता का उल्लेख करते हुए जिस मनरेगा प्राधिकारी के संबंध में शिकायत है, उसका और उसके कार्यालय का विवरण देते हुए शिकायत की विषय-वस्तु का वर्णन करना होगा। साथ ही यदि शिकायत से संबंधित कोई दस्तावेज हो तो उसे भी शिकायतकर्ता को अपनी शिकायत के साथ संलग्न करना होगा। यह शिकायत ई-मेल के माध्यम से भी प्रस्तुत की जा सकेगी, जिसे लोकपाल द्वारा अपने रिकार्ड में लिया जावेगा। शिकायतकर्ता पर यह जवाबदेही होगी कि वह यथाशीघ्र लोकपाल के समक्ष उपस्थित होकर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रस्तुत अपनी शिकायत को हस्ताक्षरित करे। लोकपाल अपने समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली प्रत्येक शिकायत की तिथियुक्त पावती जारी करेंगे। लोकपाल कार्यालय द्वारा पूर्व में यदि किसी शिकायत का निपटारा किया जा चुका है, तो उसी विषय पर दोबारा लोकपाल के समक्ष शिकायत प्रस्तुत नहीं की जा सकेगी। यदि किसी शिकायत से जुड़ा प्रकरण किसी प्राधिकरण अथवा न्यायालय के समक्ष अपील, रिवीजन या रिट के रूप में प्रस्तुत है, तो ऐसे विषयों से संबंधित शिकायत भी लोकपाल के समक्ष नहीं की जा सकेगी।

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