जैन श्वेतांबर समाज का संवत्सरी क्षमापना समारोह संपन्न, वरिष्ठ जनों, तपस्वीयों एवं बच्चों का किया गया सम्मान (नेहरू नगर)…. तपस्वियोंतपस्वियों को रथ में एवं बैंड बाजे के साथ धूमधाम से निकली मंगल जुलूस (टिकरापारा)

जैन श्वेतांबर समाज का संवत्सरी क्षमापना समारोह संपन्न, वरिष्ठ जनों, तपस्वीयों एवं बच्चों का किया गया सम्मान (नेहरू नगर)…. तपस्वियोंतपस्वियों को रथ में एवं बैंड बाजे के साथ धूमधाम से निकली मंगल जुलूस (टिकरापारा)

बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ) 10 सितंबर। श्री जैन श्वेतांबर श्री संघ का संवत्सरी क्षमापना समारोह नेहरू नगर में रविवार को संपन्न हुआ । जिसमें बच्चों को शैक्षणिक योग्यतानुसार एवं धार्मिक शिविर में भाग लेने के लिए उपहार दिया गया । तपस्या करने वालों की अनुमोदना कर शाल श्रीफल से सम्मान किया गया । सभी ने आपस में क्षमा याचना कर किसी भी प्रकार से हुए गलतियों के लिए क्षमा मांगी ।


जैन श्वेतांबर समाज का संवत्सरी क्षमापना समापन समारोह की शुरुआत मंगलाचरण बहु मंडल एवं त्रिशला महिला मंडल द्वारा किया गया । कार्यक्रम के अतिथि विमल चोपड़ा, नरेंद्र मेहता, इंदरचंद बैद, संजय कोठारी, रवीन्द्र जंदानी, त्रिलोकचंद झाबक थे । समाज मे अहम भूमिका निभाते हुए समाज को नई ऊंचाइयों में ले जाने के लिए शैक्षणिक योग्यता पुरस्कार में प्रतिभावान बच्चों में मौली मेहता, दर्श मेहता, भूवि चोपड़ा, दृष्टि जैन, शान्विका चोपड़ा, यथार्थ चोपड़ा, ईपशा मेहता, अतुल्या कोचर, भव्या चोपड़ा, प्रखर डाकलिया, पंखूड़ी डाकलिया, वर्णिका चोपड़ा, यजस जैन, राशिता मेहता, पूर्वा जैन, स्नेहा जैन का उपहार देकर सम्मानित किया गया ।

तपस्या अठाई, षमवशरण एवं मोक्ष तप करने वाले तपस्वियों का हुवा सम्मान
महावीर चोपड़ा पिता योगेश चोपड़ा का अठाई, षमवशरण तप भावना चोपड़ा, रानी डाकलिया, किरण भंसाली का एवं श्रीमती पुष्पा श्रीश्रीमाल का मोक्ष तप की बहुमान किया गया ।
मंच का संचालन सुभाष श्रीश्रीमाल द्वारा किया गया । 8 दिन तक चले इस पर्व को सफल बनाने के लिए दिनेश मुनोत, शितेश बैद, कुणाल भयानी, सारंग चोपड़ा, संजय चोपड़ा, संजीव चोपड़ा, तुषार मेहता, अमित मेहता, संजय छाजेड़, अजय छाजेड़, रूपेश गोलछा, प्रवीण गोलछा, प्रवीण कोचर, अभिनव डाकलिया की अनुमोदना की गई।

तपस्वियोंतपस्वियों को रथ में एवं बैंड बाजे के साथ धूमधाम से निकली मंगल जुलूस (टिकरापारा)


गुजराती जैन समाज के लिये ऐतिहासिक रहा क्योंकि प्रथम बार इतनी बड़ी तप तपस्या समाज में हुई। जिसका पारणा बहुत ही उत्साहित रूप में और मंगलमय रूप से मनाया गया। जिसमें धूमधाम से सभी तपस्वियों को रथ में बिठाकर बैंड बाजे के साथ धूमधाम से मंगल जुलूस के रूप में नाचते, गाते उत्साहित होकर उमंग से तपस्वियों का मान सम्मान बढ़ाया और अपने जैन भवन पहुंचकर उनको पारणा कराया गया। सभी तपस्वियों में किसी ने 30 दिन बाद अन्न ग्रहण किया, किसी ने 9 दिन बाद, किसी ने 8 दिन बाद अन्न ग्रहण किया और किसी ने तीन दिन बाद किया ।

संपूर्ण समाज उनके तप और त्याग की खूब-खूब अनुमोदना करते हैं। समाज में लगभग 30 से 35 लोगों ने इन आठ दिनों तक सिर्फ एक टाइम अन्न का भोजन करके तप और साधना की है। तो किसी ने सिर्फ एक धान का भोजन करके तप और साधना की है एक बच्चे ने तो मौन रहकर एक समय भोजन करके तप और साधना की है ।
इस वर्ष का पर्यूषण पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया गया है जो कि हमेशा स्मरणीय रहेगा। समाज के इस कार्यक्रम में समाज के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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