राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) जिले के खैरागढ़ राज परिवार के वारिश रहे विधायक स्व. देवव्रत सिंह की मृत्यु पूर्व छुईखदान पुलिस को की गई मार्मिक शिकायत एवं द्वितीय पत्नी श्रीमती विभा सिंह की प्रताडऩा से तंग आने की जानकारी कल सामने आई, जिसमें छुईखदान पुलिस द्वारा दी गई अधिकारिक एवं सत्यापित जानकारी में स्व. देवव्रत सिंह द्वारा 13 जुलाई 2021 को जिले के छुईखदान पुलिस को प्रेषित आवेदन में कहा है कि मेरी द्वितीय पत्नी द्वारा मुझे कई प्रकार से षडय़ंत्र पूर्व, क्रूरतापूर्व व्यवहार किया जा रहा है, जिससे मानसिक अवसाद में हूं। मेरे विरूद्ध कोई भी झूठी शिकायत विभा सिंह द्वारा कराई जाती है तो तस्दीक कर जांच उपरांत विधिसम्मत कार्रवाई हो, स्व. देवव्रत सिंह ने छुईखदान पुलिस को सौंपे पांच पन्ने के आवेदन पत्र में कहा है कि उनकी ग्राम उदयपुर थाना छुईखदान जिला राजनांदगांव में रखे पैतृक ज्वेलरी, स्वर्ण रत्नजरित गले का हार 2 नग, 2 नग चैन, 2 नग पायल, अंगूठी, कान का झुमका बाली, को बीना बताये लखनऊ उत्तर प्रदेश में गिरवी रखने एवं बिक्री करने की शिकायत की है।

देवव्रत सिंह ने पुलिस को दी जानकारी में कहा कि विभा सिंह, पुरूष मित्र लखनऊ निवासी कासिफ खान के साथ रहने की जिद करती रही। मेरे मना करने पर गाली, गलौज धमकी देती रहती है। बच्चों के सामने अश्लील हरकत करने से विवाद बढ़ता गया। स्व. देवव्रत सिंह की पुत्री शताक्षी सिंह व नाबालिग पुत्र आर्यव्रत सिंह, पिता स्व. राजा देवव्रत सिंह पालक संरक्षिका श्रीमती पदमा सिंह व देवव्रत सिंह की बहनें उज्जवला सिंह, स्मृति सिंह एवं आकांक्षा सिंह ने खैरागढ़ के अनुविभागीय दण्डाधिकारी को गत माह प्रेषित पत्र में कहा है कि स्व. राजा देवव्रत सिंह के निवास खैरागढ़ में स्थित उनके महल कमल विलाश पैलेश में आधिपत्य संबंधित किसी प्रकार के विवाद के बचाव हेतु महल को सील करने बाबत पूर्व में प्रस्तुत आवेदन के समर्थन में दस्तावेज प्रस्तुत है।
देवव्रत सिंह के पुत्री, पुत्र, बहनोंं ने एसडीएम को प्रस्तुत पत्र में स्व. राजा देवव्रत सिंह द्वारा थाना प्रभारी छुईखदान में श्रीमती विभा सिंह के विरूद्ध की गई रिपोर्ट की प्रतिलिपी भी एसडीएम को आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत की है। अधिकारित सूत्रों के अनुसार इस संंबंध में कलेक्टर द्वारा एसडीएम खैरागढ़, तहसीलदार को आदेश कर 30 सितंबर को उदयपुर पहुंचकर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये हंैै। छुईखदान पुलिस सूत्रों के अनुसार स्व. देवव्रत सिंह द्वार शिकायत पत्र थाने मेें दिया गया है। जिन्हें पारिवारिक मामले की वजह से उन्हें फेना दिया गया था। उल्लेखनीय है कि स्व देवव्रत सिंह के सुपुत्र आर्यव्रत सिंह एवं शताक्षी सिंह अपनी मां पदमावती देवी के साथ ही
स्व. देवव्रत सिंह द्वारा छुईखदान पुलिस थाने में प्रस्तुत आवेदन की पुलिस द्वारा सत्यापित प्रति सांध्य दैनिक अमर छत्तीसगढ़ वेब पोर्टल को भी उपलब्ध कराई गई है। जिसमें कहा कि उनकी शादी विभा सिंह के साथ 28 अप्रैल 2017 को विधि रूप से जिला गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में संपन्न हुआ। विवाह के मात्र 6 माह ही ठीक रहे, इसके बाद वह उदयपुर में नहीं रहूंगी। मुझे (विभा) अपनी पुत्री दिव्यांशी सिंह, जो विभा के पूर्व पति से उत्पन्न संतान है को पढ़ाई कराउंगी कहकर लखनऊ चली गई। तीन माह बाद अपनी पुत्री दिव्यांशी को लेकर आई। तीन माह रहने के पश्चात 2018 में भोपाल एवं मुंबई अपने बच्चों के साथ चली गई, मेरी पहली व पूर्व पत्नी पदमा सिंह से उत्पन्न पुत्र आर्यव्रत सिंह एवं पुत्री शताक्षी सिंह सहित गये थे, जहां वह अपने पुरूष मित्र लखनऊ निवासी कासीफ खान को ले जाने के लिए दबाव बनाने लगी।
स्व. देवव्रत सिंह ने प्रेषित आवेदन में कहा कि विभा सिंह द्वारा उनके पैतृक संपत्ति को बिना बताये गिरवी रखने या बेचने का प्रयास कर रही है। मुझ पर झूठे आरोप लगाकर प्रताडि़त करते रहती है तथा मुझ किसी भी झूठे आरोप लगाकर फसा सकती है। जिसकी सूचना छुईखदान पुलिस को इतला रिपोर्ट 8 अगस्त 2021 को किया था। इसके साथ प्रकरण से संबंधित घटनाक्रम से जुड़े कथित पेन ड्राइव जिसमें वीडिया क्लिप है। पुलिस को सौंपी।
स्व. देवव्रत सिंह ने कहा कि विभा सिंह द्वारा फोन कर सार्वजनिक रूप से गाली गलौच कर रूपय,े पैसे मांगकर झूठा मुकदमा में फसाने की धमकी दे रही है। देवव्रत सिंह ने अपनी दुसरी पत्नी विभा सिंह के बारे में दिल्ली में मकान किराये से लेने उसका खर्च स्वयं देने पुरूष पार्टनर कासिफ खान को साथ में रखने जैसी कई गंभीर शिकायतें पुलिस को मृत्यु पूर्व लिखकर दी थी। उनका कहना है कि मेरी पत्नी का तलाक होने की वजह से दो बच्चों के देखरेख के लिए मैंने विभा सिंह से शादी की। विभा के लखनऊ जाने पर मैं अपने बच्चों के साथ जाकर उन्हें वापस लाने का प्रयास किया। लेकिन मुझे पता चला कि विभा सिंह का पूर्व विवाह एक मुस्लिम युवक से मुस्लिम रीति रिवाज संपन्न हुआ था एवं उनके दांपत्य जीवन में पुत्री का जन्म हुआ, जो दिव्यांशी जिसके बारे मुझे जानकारी नहीं दी गई। विभा सिंह पर इसको लेकर भी आवेदन में गंभीर बाते कही है। विभा सिंह मुझे प्रताडि़त करते रही है। मेेरे मान सम्मान राजनीतिक भविष्य को खत्म करने की धमकी भी देती रही है तथा मुझे ब्लैकमेलिंग भी करती रही है। देवव्रत सिंह ने कहा कि विभा सिंह सुखीपूर्वक सुरक्षित भविष्य के लिए खैरागढ़ में कमल विलास पैलेश के सामने पौने दो एकड़ वेशकीमती भूमि एवं गंजी पारा में पांच कीमती भुखण्ड प्लाट कीमती लगभग एक करोड़ उसके नाम से पंजीयनदान पत्र से कराया एवं उसे संपत्ति का स्वामीनी बनाया। लेकिन उसके व्यवहार में मेरे प्रति कोई बदलाव नहीं आया। उलटे मेेरे स्वयं की पुत्री शताक्षी सिंह को मानसिक रूप से प्रताडि़क करना शुरू कर दिया। देवव्रत सिंह ने कहा 2018 में खैरागढ़ विधानसभा चुनाव भी लड़ा इसके मध्य भी मुझे लेनदेन को लेकर ब्लैकमेलिंग का प्रयास भी किया। अपने विधानसभा क्षेत्र में मान-सम्मान राजनीतिक भविष्य को देखते हुए उसके जिद के सामने मुझ झुकना भी पड़ा। विधानसभा चुनाव के बाद जनवरी 2019 को आई कुछ दिन रहने के बाद लखनऊ चली गई। उसने अपने पारिवारिक मित्र कासिफ खान से मिलना जारी रखी। लेकिन उसने उसके साथ अपने रिश्तों की जानकारी नहीं दी। पिछले दो वर्षों से मेरा और उसका दांपत्य संबंध नहीं रहा। यह भी कहा कि विभा सिंह ने उसकी बड़ी बहन के साथ भी दुव्र्यव्हार किया। पुलिस दिये आवेदन में देवव्रत ने कहा कि शारिरीक रूप से रोग ग्रस्त होने के बाद भी अनावेदिका विभा सिंह द्वारा मुझे कई प्रकार से षडय़ंत्र पूर्वक व्यवहार करते हुए तनाव में रखा।
टीप – 17 जुलाई 2021 को पुलिस को भेजे आवेदन की सत्यप्रतिलिपी के आधार पर
अन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज देवव्रत सिंह के वाहन चालक नागेन्द्र से वाहन की चाबी भी कथित तौर पर उनसे छीन ली गई है। वहीं दूसरी ओर अधिकारिक सूत्रों के अनुसार कलेक्टर से देवव्रत सिंह के परिजन पुत्र, पुत्री व अन्य लोगों ने मुलाकात कर न्याय की अपील की है। तथा उदयपुर स्थित संस्थान व भवन में लगे हुए ताले को खोलकर दोनों पक्षों के मध्य स्थिति स्पष्ट हो, आवश्यक हो तो तनाव भी कम हो। यह कार्यवाही एसडीएम, तहसीलदर व पुलिस बल की उपस्थिति में होगी। खैरागढ़ राजपरिवार का राजनीतिक इतिहास 70 वर्षों का रहा है। जहां परिवार की अंतिम राजनीतिक कड़ी देवव्रत सिंह के बाद लगभग समाप्त हो गई है। उनकी पहली पत्नी पदमा सिंह अपने दोनों बच्चों के साथ खैरागढ़ में आना जाना कर रही है। तीन माह बाद चुनाव होने है। पिछड़ा वर्ग बाहुल्य खैरागढ़ है। जहां राजनीकि पार्टियों को इस बार काफी सोच समझकर प्रत्याशी मैदान में उतारना होगा। स्व. देवव्रत सिंह की दोनों ही पत्नियों के मध्य विवाद के समाप्ति को लेकर फिलहाल आशा किरण कम ही दिख रही है। 30 दिसंबर को इस विवाद को लेकर चल रहे घटनाक्रम से परदा उठने के अवसर सामने आ सकते हैं। वहीं दूसरी ओर विभा सिंह भी अपने स्तर पर सवाल, जवाब के लिए उनके नजदीकी सूत्रों के अनुसार तत्पर दिख रही है। क्रमश….