रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 21 सितंबर। परम पूज्य श्री शीतल राज जी मसा ने इन 60 दिनों में जिस तरह अपनी मधुर वाणी के द्वारा जिनवाणी रूपी प्रवचन के माध्यम से हमको पीयूष सुधा का रसपान करवाते रहे , जो हमारे जीवन में नित्य करने योग्य है , नित्य स्मरण के योग्य है तथा प्रतिपल ही सजग रहकर अपना आत्म उत्थान कर सकते है ।
जिससे हम अपने भव भ्रमण को कम कर सकते है जिनशासन की लौ, आध्यात्म की लौ जलाकर न केवल स्वयं का अपितु घर परिवार और समाज मे फैले अंधकार को हर कर जिनवाणी ,समायिक , स्वाध्याय से घर घर में प्रकाश फैला कर रौशन कर सकते है । महा स्थविर शीतल राज जी मसा स्वयं एक तेजस्वी ओजस्वी संत है जो समाज में तप त्याग सामायिक स्वाध्याय के ब्रांड एम्बेसडर है जिन्होंने केवल कहा नही वरन स्वयं के जीवन मे उतारा है ।
उदाहरण न देकर स्वयं उदाहरण बने है। जिनकी कथनी और करनी दोनों ही एक है। जीवन में बड़े भाग्य से ऐसे विरले संत के दर्शन होते है पर हमारी खुशनसीबी है कि हम उनके केवल दर्शन ही नही वरन उनकी अमृत, मंगल, कल्याण कारी वाणी से अपने जीवन मे सुधार लाने का प्रयत्न कर रहे है।निश्चित ही गुरुकृपा से हमारा जीवन मंगलमय बनेगा , धर्ममय बनेगा और एक दिन हम भी शाश्वत सुख का रसपान करेंगे अपने अंतिम लक्ष्य मोक्ष को पा लेंगे ।
*गुरुदेव साबुन बनकर हमारी आत्मा के कर्म मैल रूपी मलिनता को धोकर हमे उज्जवल और कर्म रहित बनाने का निस्वार्थ पुरुषार्थ किया है। जैसे पत्थर पर बार बार एक ही जगह चोट करे तो निशान बन जाता है वैसे ही गुरुवर निरन्तर 2 माह से हमारे कर्म कषाय पर निरन्तर प्रहार कर रहे ताकि हमारी आत्मा भी ऋजु बने सरल बने उर्ध्वगामी बने ।
संत न देखा ऐसा संत न देखा
गुरुदेव के इन्ही अमृतमयी जिनवाणी से प्रेरित होकर हम लेकर आये धार्मिक विज्ञापन प्रतियोगिता 22 /09/2024 ।
कल रविवार को ही है धार्मिक विज्ञापन प्रतियोगिता
किसी भी सामान की जानकारी के लिए हमलोग विज्ञापन देखते है और फिर उसकी गुणवत्ता तय करते है । और गुरुदेव ने जीवन की दिशा और दशा दोनो ही बदल दे ऐसे छोटे छोटे कार्य बताए उन्होंने हमें जो भी बताया समझाया वो समझ तो आ गया उसे अब अपने जीवन मे कठिन पुरुषार्थ और कड़े प्रयत्नों से जीवन मे उतारना है ।
जिस तरह हम कई बार सामान भूल जाते है कि ये भी मार्केट में मिलता है तो वो हम न भूले इसलिए विज्ञापन बनते उसे देखते ही याद आ जाता है ये सामान आवश्यक है इसकी आवश्यकता है, जरूरत है इसी तरह हम गुरुदेव की वाणी को उनके संदेशों को भूल न जाये इसलिए हमलोग उसे धार्मिक विज्ञापन बनाकर रखेंगे ताकि हमारे साथ साथ वो लोग जो गुरुदेव की वाणी का रसास्वादन नही किये है उस विज्ञापन के माध्यम से रसपान करे और उसे अपने जीवन मे उतारे । ये विज्ञापन निश्चित ही हमारे जीवन मे अंत समय तक अपनी छाप छोड़ता रहेगा ।
इसके लिए हमको धार्मिक विज्ञापन बनाना है उसे लिखकर भी लाना है एवं साथ ही उसका प्रजेन्टेशन भी आपको रविवार 22 /09 /2024 को पूज्य गुरुदेव के प्रवचन के बाद करना है । यह प्रतियोगिता रखी गई है ।
जैसे आचार्य भगवंत के 36 गुण होते है उसी तर्ज पर हम भी यहाँ पे 36 विषय दे रहे है किन्ही भी 4 विषयों को लेकर एक विज्ञापन तैयार करना है ।
बोलने की अधिकतम समय सीमा 1 मिनट होगी । जिस विज्ञापन की तर्ज पर आप अपना धार्मिक विज्ञापन बनाएंगे उसी तर्ज पर गाकर आपको अपना प्रजेंटेशन देना होगा ।
नम्बर आपकी लेखन शैली आपके शब्द आपके भाव आपकी अक्षर शुद्धि व आपकी स्पष्ट साथ सुथरे लेखन के साथ ही आपके प्रजेंटेशन पर होगा ।
इसके टॉपिक (विषय ) है
1 क्षमा
2 समायिक
3 स्वाध्याय
4 कषाय
5 तप
6 दुर्लभ अंग
7 18 पाप
8 9 तत्व
9 सुपात्र दान
10 जिनशासन का महत्व
11 गुरु भगवंतों की वैयावच्च
12 विहार सेवा
13 संवर
14 नवकार महामंत्र
15 4 गति
16 5 अभिगम
17 साधर्मिक भक्ति
18 लोगस्स
19 अंनत पूर्वी
20 9 पुण्य
21 पाठशाला का महत्व
22 8 कर्म
23 रसोई में जयना
24 रात्रि भोजन, जमीकंद त्याग
25 मांगलिक
26 सप्त कुव्यसन
27 14 नियम 12 व्रत
28 संस्कार
29 अहिंसा
30 विनय
31 धर्म
32 मौन
33 दया और पौषध
34 करुणा समता
35 अनुशासन
36 परोपकार
संपर्क सूत्र
डॉ प्रणिता राकेश जी सेठिया
9424227289
स्मिता लुनावत
9229577377