धर्म के बिना जीवन में नहीं मिल सकता मुक्ति का पथ-इन्दुप्रभाजी मसा…. जिस पर अरिहन्त की कृपा हो जाती वह निर्भय हो जाता- चेतनाश्रीजी मसा

धर्म के बिना जीवन में नहीं मिल सकता मुक्ति का पथ-इन्दुप्रभाजी मसा…. जिस पर अरिहन्त की कृपा हो जाती वह निर्भय हो जाता- चेतनाश्रीजी मसा

सूरत(अमर छत्तीसगढ) 21 सितम्बर। जैन धर्म चमत्कार में विश्वास नहीं करता बल्कि आस्था व श्रद्धा पर आधारित है। त्याग,तपस्या, स्वाध्याय व संयम से इस धर्म की आराधना की जा सकती है। धर्म हमारे जीवन का प्राण है। धर्म रहित जीवन निष्प्राण के समान है जिसमें व्यक्ति जीवित तो रहता है पर मुक्ति को प्राप्त नहीं कर सकता। ये विचार मरूधरा मणि महासाध्वी जैनमतिजी म.सा. की सुशिष्या सरलमना जिनशासन प्रभाविका वात्सल्यमूर्ति इन्दुप्रभाजी म.सा. ने शनिवार को श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ गोड़ादरा के तत्वावधान में महावीर भवन में आयोजित चातुर्मासिक प्रवचन में व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि पानी ओर रोटी मिल जाए तो व्यक्ति जीवन का गुजारा कर लेता है। जीवन को सार्थक बनाने के लिए धर्म से जुड़ना होता है। धर्मसभा में आगम मर्मज्ञा डॉ. चेतनाश्रीजी म.सा. ने कहा कि जीवन में जिस पर अरिहन्त का उपकार हो जाता है उसका जीवन धन्य हो जाता है। अरिहन्त प्रभु ने हमे सद्ज्ञान प्रदान किया व अभय का दान किया।

जिस पर अरिहन्त की कृपा हो जाती है वह निर्भय हो जाता है ओर फिर उसे किसी का डर नहीं सताता है। ऐसे में हम प्रतिदिन प्रार्थना करनी चाहिए कि हम अरिहन्त प्रभु के कृपापात्र बन अपने जीवन को सार्थक बना सके। उन्होंने धार्मिक कार्य करते समय साथ में पूंजनी रखने का महत्व भी बताया। धर्मसभा में रोचक व्याख्यानी प्रबुद्ध चिन्तिका डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा.,तत्वचिंतिका आगमरसिका डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा., सेवाभावी दीप्तिप्रभाजी म.सा.एवं विद्याभिलाषी हिरलप्रभाजी म.सा. का भी सानिध्य प्राप्त हुआ।

गोड़ादरा श्रीसंघ ने किया मुमुक्षु खुशी बहन का अभिनंदन

धर्मसभा में पंजाब में 17 नवम्बर को दीक्षा अंगीकार करने जा रही चित्तौड़ से पधारी मुमुक्षु बहन खुशी मेहता भी मौजूद थी। उन्होंने सभी को दीक्षा समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। गोड़ादरा श्रीसंघ ने मुमुक्षु का स्वागत सम्मान किया। उन्होंने मुझको संयम लेना है भजन के माध्यम से मन के भाव भी व्यक्त किए। महासाध्वी मण्डल के सानिध्य में तपस्याओं का दौर भी निरन्तर गतिमान है। एक तपस्वी द्वारा 22 उपवास की गुप्त तपस्या भी रही। उपवास,आयम्बिल,एकासन आदि के प्रत्याख्यान भी लिए गए। प्रतिदिन दोपहर 2 से 3 बजे तक नवकार महामंत्र का जाप भी हो रहा है।

राणावास से पधारे पंडित राजू भाई ने भी विचार व्यक्त किए। महासाध्वी मण्डल के सानिध्य में 2 अक्टूबर को विशाल प्रश्नमंच का आयोजन किया जा रहा है। इसके लाभार्थी सुशीला बेन गन्ना परिवार (बेंगलौर ताल वाले) रहेगा। सूरत के विभिन्न क्षेत्रों के साथ ब्यावर, भीलवाड़ा, राणावास आदि स्थानों से पधारे श्रावक-श्राविकाएं भी धर्मसभा में मौजूद रहे। बाहर से पधारे सभी अतिथियों का स्वागत श्रीसंघ एवं स्वागताध्यक्ष शांतिलालजी नाहर परिवार द्वारा किया गया। संचालन नवयुवक मण्डल के सदस्य अरविन्दजी नानेचा ने किया। प्रवचन में श्रीसंघ द्वारा पांच लक्की ड्रॉ भी निकाले गए।

प्रस्तुतिः अरिहन्त मीडिया एंड कम्युनिकेशन,भीलवाड़ा
मो.9829537627

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