महिलाओं की बढ़ रही आमदनी, बल्ब बनाकर घरों तक पहुंचाने लगी रोशनी…..एलईडी बल्ब निर्माण के क्षेत्र में आने से गांव की महिलाओं का संवर रहा भविष्य

महिलाओं की बढ़ रही आमदनी, बल्ब बनाकर घरों तक पहुंचाने लगी रोशनी…..एलईडी बल्ब निर्माण के क्षेत्र में आने से गांव की महिलाओं का संवर रहा भविष्य

रायपुर(अमर छत्तीसगढ़), 18 जनवरी 2022/ घरों में चूल्हां फूंकने और कभी माचिस से चिमनी जलाने वाली गांव की इन महिलाओं ने समय के साथ स्वरोजगार का वह जरिया अपनाया है, जो है तो तकनीकी, लेकिन अपने हाथों में हुनर सम्हालनें के बाद तकनीकी आधारित काम को न सिर्फ आसान बना दिया है, बल्कि एलईडी बल्ब निर्माण से जुड़कर भविष्य में आमदनी बढ़ाने की नई संभावनाएं भी बना ली है।

 कोरिया जिले के ग्राम छिंदिया में गौठान आजीविका के रूप में सूरज महिला ग्राम संगठन की महिलाओं ने एलईडी बल्ब निर्माण के कार्य को अपनाया है। इन महिलाओं ने महज एक महीने में ही 500 से ज्यादा बल्ब बनाकर अपनी आमदनी की नई संभावनाओं को विकसित किया है। जिले के गौठानों में विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं, जिससे जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह में आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में गौठान ग्राम छिंदिया की 8-10 महिलाओं ने मिलकर लगभग एक महीने पहलेएलईडी बल्ब निर्माण का कार्य प्रारंभ किया था। इस समूह की सदस्य नीलम कुशवाहा ने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान के तहत अधिकारियों से आर्थिक गतिविधियों की जानकारी मिली। कुछ नया कार्य करने की चाह से एलईडी बल्ब निर्माण कार्य का विचार आया। अधिकारियों के मार्गदर्शन में रायपुर से आए ट्रेनर के द्वारा 3 दिवस की ट्रेनिंग दी गई। एलईडी बल्ब निर्माण की पूरी प्रक्रिया बताई गई। महिलाओं ने बताया बल्ब के लिए कच्ची सामग्री रायपुर से मंगवाई जाती है। उनके द्वारा आवश्यक निर्माण कर प्रेसिंग मशीन से बल्ब की पैकिंग की जाती है। महिलाओं ने बताया कि सस्ते दाम पर गुणवत्तायुक्त बल्ब से लोगों को भी फायदा मिल रहा है। महिलाओं ने बताया बिहान बाजार में बल्ब की मांग बढ़ रही है। वे स्वयं बल्ब की मार्केटिंग एवं प्रचार-प्रसार का काम कर रही हैं। अभी केवल ग्रामीण स्तर पर बल्ब का विक्रय किया जा रहा है, आने वाले दिनों में वे बाजारों में भी बल्ब भेजने की तैयारी कर रही है। महिलाओं का कहना है कि समूह से जुड़ने से पहले अधिकांश महिलाएं घर के कामों में ही व्यस्त रहती थी, अब बल्ब निर्माण जैसे कार्यों में हाथ आजमाने के बाद उन्हें अपना भविष्य सुनहरा नजर आने लगा है।

एक माह में 550 बल्ब निर्माण कर 150 बल्ब बेचे

इन महिलाओं ने मात्र एक माह में ही 500 बल्ब का निर्माण किया गया, जिसमें से लगभग 150 बल्ब के विक्रय से 6 हजार से अधिक आमदनी हुई। इनके द्वारा 15 वॉट का एलईडी बल्ब 140 रुपए में बेचा जा रहा है जिसपर 1 वर्ष 6 माह की गारण्टी भी दिया जा रहा है। इसी तरह 12 वॉट के बल्ब को 120 रुपए में 1 वर्ष की गारण्टी के साथ, 9 वॉट के बल्ब को 60 रुपए में 6 माह की गारण्टी के साथ एवं 5 वॉट के गारण्टी रहित बल्ब को 30 रुपए में बेचा जा रहा है।

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