रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 12 मार्च। छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान फिर भारतमाला प्रोजेक्ट का मुद्दा गूंजा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मुद्दा उठाते हुए सत्तापक्ष से सवाल पूछते हुए जानकारी मांगी। जिसके जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा ने जानकारी देते हुए प्रोजेक्ट में गड़बड़ी होना स्वीकार किया है। वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की जांच CBI से कराने की मांगी की है।
भारतमाला प्रोजेक्ट को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। सदन में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास ने 32 प्लॉटों को 247 टुकड़ों में बांटे जाने को लेकर प्रश्न पूछा। जिसके जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा- कलेक्टर रायपुर के जांच प्रतिवेदन में जानकारी आई है। नायकबांधा में 13 खसरों को 53 प्लॉटों में बांटा गया है, फर्जी नामांतरण से शासन को क्षति होना पाया गया है। मामले में नायब तहसीलदार, 3 पटवारी निलंबित किए गए हैं। तत्कालीन तहसीलदार अभनपुर के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
सीएम साय बोले- जांच में कहीं हीलाहवाला नहीं किया जाएगा
मामले पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बड़ा बयान देते हुए कहा- जांच में कहीं हीलाहवाला नहीं किया जाएगा। कांग्रेस सरकार ने तो छत्तीसगढ़ में CBI को बैन किया था। नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की समिति बनाकर जांच की मांग की। मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा- कमिश्नर से मामले की जांच कराई जाएगी। कमिश्नर की जांच से असंतुष्ट विपक्ष ने CBI जांच की मांग को लेकर तीखी बहस की। मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा- अफसर निलंबित हुए हैं। जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
विभागीय मंत्री ने स्वीकार की गड़बड़ी
विभागीय मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन में भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी स्वीकार की है। कहा- भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी हुई है, अधिसूचना के बाद रकबे का टुकड़ा कर अधिकृत भूमि का दोबारा भू अर्जन किया गया। ट्रस्ट के बदले ट्रस्ट के व्यक्ति को मुआवजा मिल गया। जिसके संबंध में डिप्टी कलेक्टर, SDM, तहसीलदार, पटवारी पर कार्रवाई की गई है।
महंत ने अफसरों पर की FIR की मांग
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा- जिम्मेदार अधिकारियों पर FIR दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए। निलंबन ऐसी प्रक्रिया है जिससे दोषी जल्द बच जाते हैं। मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है मामले की सीबीआई जांच की मांग स्वीकार कर लें। मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा- कमिश्नर से मामले की जांच कराई जाएगी। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा-अगर इस मामले में निर्णय नहीं होगा तो मैं हाईकोर्ट जाऊंगा। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा आपको हाईकोर्ट जाने से कौन रोक सकता है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने बहिर्गमन किया।
केलो प्रोजेक्ट में भू-अर्जन का उठा मुद्दा
विधानसभा में उमेश पटेल ने केलो प्रोजेक्ट में भू-अर्जन का मुद्दा उठाया। इस दौरान उमेश पटेल ने मंत्री के अलग अलग जवाब पर सदन में आपत्ति जताई। केलो प्रोजेक्ट की पूर्णता को लेकर सदन में सवाल पूछा। जिस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने योजना 80% पूरा होने की जानकारी दी। प्रोजेक्ट में 23 प्रकरण लंबित होने के अलग अलग कारण हैं।
विपक्षी विधायकों ने की नारेबाजी
भूपेश बघेल ने प्रोजेक्ट में जमीनों की अफरातफरी का आरोप लगाया। सदन की समिति से मामले की जांच कराने की बात कही है। इस दौरान मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा- विभागीय रुप से जांच कराई जाएगी। भूपेश बघेल ने कहा- सदन की समिति से जांच होनी चाहिए। सदन की समिति से जांच कराने की मांग को लेकर हंगामा हो गया। जिसके बाद सदन में विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की। जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष के सदस्यों ने बहिर्गमन किया।