दुर्ग(अमर छत्तीसगढ) 24 मई। छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी / रोहिंग्यो घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ दुर्ग पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके लिए दुर्ग जिले में एसटीएफ का गठन किया गया है, जिनके माध्यम से लगातार दुर्ग में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जा रही है। आज फिर मोहन नगर थाना क्षेत्र के जयंती नगर स्थित मकान में अपना मूल पहचान छुपाकर निवास करने वाली बांग्लादेशी महिला सपना शर्मा और रानी पासवान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
दोनों महिलाएं अब तक अलग-अलग कई स्पा सेंटर और कॉल सेंटरों में काम कर चुकी है। इन महिलाओं के पास फर्जी एवं कूटरीचित दस्तावेज के आधार पर आधार कार्ड, पेन कार्ड, मतदाता परीचय पत्र एवं बैंक पासबुक पुलिस ने जब्त किया है।एसटीएफ टीम ने जब दोनों महिलाओं से पूछताछ की तब उन्होंने अपना नाम सपना शर्मा उर्फ सपना मंडल एवं खुशबू उर्फ रानी पासवान बताया। दोनों महिलाओं के कब्जे से प्राप्त दस्तावेज एवं मोबाइल चेक करने पर पुलिस ने पाया कि सपना शर्मा उर्फ सपना मंडल का वास्तविक नाम सनाया नूर है, जो मूलतः जोरहाट जिला दीनाजपुर बाग्लादेश की रहने वाली है। वह लगभभ 15 वर्ष पूर्व भारत बाग्लादेश सीमा को अवैध रूप से पार कर बिना वैध दस्तावेज के 8 वर्षों से चंगोराभाठा रायपुर में निवास कर चुकी है।
सनाया नूर ने बाग्लादेशी नागरिक के मूल पहचान को छिपाते हुए स्वयं को भारतीय नागारिक सिद्ध करने के लिए वर्ष 2019 में फर्जी दस्तावेज तैयार कर अभय शर्मा नाम के व्यक्ति को अपना पति बताकर फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड एवं मतदाता परिचय पत्र तैयार किया था। जांच में पाया गया कि सनाया नूर इंटरनेट के माध्यम से बाग्लादेश के कई नंबरों से लगातार सम्पर्क में थी।
बाग्लादेशी महिला रानी पासवान उर्फ खुशबू ने पूछताछ पर अपना नाम खुशबू बेगम पिता जेर मोहम्मद निवासी जोबरहाट जिला दिनाजपुर बाग्लादेश का मूल निवासी होना बताया। यह भी लगभग 15 साल पहले अवैध रूप से बिना वैध दस्तावेज के बाग्लादेश से भारतीय सीमा में प्रवेश किया है।
खूशबू बेगम भी फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड बनवाया है। दोनों बाग्लादेशी महिलाओं के विरूद्ध बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध रूप से भारत में निवासरत होकर बाग्लादेशी नागरिक की मूल पहचान छिपाने, फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनका दुरूपयोग करने पर धारा 318(4), 319(2), 336(3), 3(5) बीएनएस, 14 विदेशी विषयक एक्ट 1946, 12 पासपोर्ट एक्ट, 1967 एवं 3 पासपोर्ट एक्ट के तहत मोहन नगर थाने में मामला दर्ज कर दोनों को जेल भेजा गया है।
दोनों बाग्लादेशी नागरिकों द्वारा तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज बनाने में सहयोग करने वाले व्यक्तियों की तलाश में पुलिस जुटी है।