बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ़) 27 मई । हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों के लिए लागू (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण पर सख्ती दिखाई है। जस्टिस एके प्रसाद ने राज्य सरकार से पूछा है कि अब तक राज्य की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में यह आरक्षण क्यों लागू नहीं किया गया है। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं याचिकाकर्ताओं को दो सप्ताह में रिजाइंडर प्रस्तुत करने की अनुमति दी है।
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में यह आरक्षण पहले से प्रभावी है। छत्तीसगढ़ में भी इसे लागू करने के लिए 29 अप्रैल 2024 को एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
कोर्ट ने याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए कहा कि चूंकि केंद्र सरकार और अधिकांश राज्यों ने संविधान संशोधन के अनुरूप ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू कर दिया है, इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि राज्य में यह व्यवस्था अब तक क्यों नहीं लागू की गई।
इसके आधार पर 19 जनवरी 2019 को केंद्र ने इस प्रावधान को देशभर में लागू कर दिया। इसके बाद 4 सितंबर 2019 को छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इस संबंध में अध्यादेश जारी किया था, जिसमें लोक सेवा अधिनियम में संशोधन कर ईडब्ल्यूएस वर्ग को आरक्षण देने की बात कही गई थी।