कितना भी त्याग तपस्या कर ले मन में दुर्भावना रहने तक नहीं छूटने वाला संसार…. जहां समाज का डर खत्म हो जाता है वहां दुर्योधन बनने की तैयारी शुरू हो जाती है-समकितमुनिजी
हैदराबाद(अमर छत्तीसगढ), 6 सितम्बर। एक दुर्योधन के कारण महाभारत हो गई थी अभी स्थिति देखे तो दुर्योधनों की लाइन लगी…