चार बार भोजन कर सकते हैं लेकिन एक बार भजन करने के लिए समय नहीं!

चार बार भोजन कर सकते हैं लेकिन एक बार भजन करने के लिए समय नहीं!

जैन संत हर्षित मुनि ने कहा कि प्रतिदिन अपने लिए समय निकालें और साधना करें

राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 20 सितंबर। जैन संत हर्षित मुनि ने कहा कि हम अपने उत्थान के लिए समय नहीं निकालते हैं। प्रतिदिन अपने लिए समय निकालें और साधना करें। मुनिश्री ने कहा कि हम चार बार भोजन करने के लिए समय निकाल लेते हैं किंतु एक बार भजन करने के लिए हमारे पास समय ही नहीं होता। उन्होंने कहा कि सुबह उठे और दिनचर्या के बाद निवृत्ति की नींव रखें।
जैन संत श्री हर्षित मुनि ने आज समता भवन में अपने निमित्त प्रवचन में कहा कि सुबह प्रतिदिन अपने लिए दो घंटे का समय निकाल कर साधना करें और अपने आत्म उत्थान का प्रयास करें। साधना के समय अपनी सभी चिंताओं को छोड़ दें और बाहरी दुनिया से मतलब ना रखें, सिर्फ और सिर्फ ध्यान करें। उन्होंने कहा कि महामंत्र वह है, जो सर्व पाप का नाश करें। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति व्यस्त नहीं है, वह एक ही बात को बार-बार दोहराता रहता है। हम व्यस्त रहें और आत्म चिंतन व साधना करें।
संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि जो योग साधक को आगे बढ़ने के लिए उचित लगे, उसे ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा संघ द्वारा सौंपे गए कार्य को भी प्राथमिकता के साथ करें। उन्होंने कहा कि जिस कार्य के आगे संघ लग जाता है, वह कार्य छोटा हो ही नहीं सकता। व्यक्ति को यह सोचना चाहिए कि यह कार्य करने का मौका मुझे मिला है तो मैं इसे बेहतर ढंग से करूं। मुनि श्री ने कहा कि आत्म चिंतन करें और अपने लिए समय निकालें तथा साधना करें। यह जानकारी एक विज्ञप्ति में विमल हाजरा ने दी।

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