सम्मवेत शिखर को संरक्षित तीर्थ क्षेत्र घोषित करने तक मतदान का बहिष्कार करेगा भारत का जैन समाज
अल्पसंख्यक जैन समाज के तीर्थ स्थलों के संरक्षण की जबाबदारी राज्य व केन्द्र सरकार की है
रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) जैन धर्म के 20 तीर्थकरों की मोक्ष स्थली सम्पूर्ण विश्व के जैन जगत की आस्था स्थली श्री समवेत शिखर तीर्थ को गत वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा पर्यटन स्थल व ईको सेंसेटिव क्षेत्र घोषित करने का जैन संवेदना ट्रस्ट ने कड़े शब्दों में विरोध किया है । व शीघ्र पर्यटन क्षेत्र व ईको सेंसेटिव जोन को रद्दकर संरक्षित जैन तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की मांग करता है । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने बताया कि श्री समवेत शिखर तीर्थ क्षेत्र जोकि पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित है आदिकाल से जैन समाज की श्रद्धा व आस्था का केन्द्र है जहाँ विश्वभर के जैन समाज के लोग आस्था से पूजा अर्चना करते रहे हैं ।
यह पहाड़ी रियासतों के समय से जैन समाज के पास है । आजादी के पूर्व पाल गंज के महाराजा ने मूल्य लेकर 49 . 33 किलोमीटर क्षेत्र के पारसनाथ पर्वतमाला को जैन समाज को हस्तांतरित किया था । स्वतंत्रता के बाद समय समय पर नियमों में परिवर्तन होते रहे । मुख्य रूप से 1983 में वन आरण्य क्षेत्र घोषित किया गया । वर्ष 2016 में केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार की अनुशंसा में इसे पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया । तथा 2019 में इसे केन्द्र सरकार द्वारा इको सेंसेटिव ज़ोन घोषित किया गया है ।
जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव को पत्र लिखकर मांग की है कि जिस पहाड़ी का मालिकाना हक जैन समाज का है उसे बिना सहमति के कैसे पर्यटन स्थल घोषित किया जा सकता है। भारत सरकार ने जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया है फिर झारखंड , गुजरात की राज्य सरकारें व केन्द्र सरकार द्वारा जैन तीर्थो को संरक्षण नही दे रही हैं बल्कि जैन समाज से दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है ।
जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने मांग की है कि समवेत शिखर पारसनाथ पहाड़ी को संरक्षित जैन तीर्थ क्षेत्र घोषित करे । इस सम्बंध में जैन संवेदना ट्रस्ट , सकल जैन समाज के साथ मिलकर कलेक्टर को प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेगा । 23 दिसम्बर को सकल जैन समाज से निवेदन है कि प्रतीकात्मक रूप से 12 बजे तक अपने व्यवसायिक संस्थान बंद रखें , व अखिलभारतीय जैन समाज समवेत शिखर को संरक्षित जैन तीर्थ क्षेत्र घोषित किए जाने तक मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार करेगा ।