नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों ने तय की आईआईटी-एनआईटी की मंजिल

नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों ने तय की आईआईटी-एनआईटी की मंजिल

मुख्यमंत्री के साथ साझा किए प्रयास विद्यालय के मेघावी विद्यार्थियों ने सफलता के अनुभव

रायपुर(अमर छत्तीसगढ)10 दिसम्बर 2021/ मंजिलें उनकों मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उडान होती है। कुछ ऐसा ही हौसला इन नक्सल प्रभावित जिले के बच्चों में था कि आज वे सफलता के शिखर पर पहुचने के साथ अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ रहे हैं। कभी ठीक से हाई स्कूल तक की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाने वाले नक्सल प्रभावित जिले के बच्चों को जब उनके क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार के माध्यम से स्वर्गीय राजीव गांधी प्रयास आवासीय विद्यालय जैसी उच्च गुणवत्ता वाली संस्थाओं की सुविधाएं मिली तो वे इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित कई कठिन परीक्षाएं पास कर देश के आईआईटी सहित नामी शिक्षण संस्थानों में अपनी जगह बनाने लगे हैं। गरीबी और अभावों के बीच वनांचल क्षेत्र में पले-बढ़े इन आदिवासी बच्चों की सफलताओं से जहां अन्य विद्यार्थियों को प्रेरणा मिल रही है, वहीं इनकी सफलता से देश में छत्तीसगढ़ का गौरव भी बढ़ रहा है।
प्रयास विद्यालय में पढ़कर सफलता के शिखर पर पहुचने वाले विद्यार्थियों से जब प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल रूबरू हुए तो उनके अनुभव सुन काफी रोमांचित हुए। श्री बघेल ने शहीद वीरनारायण सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में स्वर्गीय राजीव गांधी स्मृति प्रयास आवासीय विद्यालयों के मेघावी विद्यार्थियों का सम्मान करते हुए लैपटॉप के लिए 50-50 हजार रूपए की अनुग्रह राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री और अतिथियों के समक्ष सम्मान समारोह में प्रतिभावान विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए।
देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक आईआईटी बीएचयू में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग शाखा में अध्ययनरत् श्री तरूण कुमार पैकरा ने बताया कि वे कृषक परिवार से तालुक रखते है। सरगुजा जिले के गांव बमलाया में उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई। कक्षा 9वीं से उन्होंने प्रयास विद्यालय में अध्ययन किया है। उन्होंने बताया कि कक्षा 9वीं और 10वीं में राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा क्वॉलिफाई किया। इससे न केवल मेरे बेसिक्स स्ट्रॉन्ग हुए, बल्कि आत्मविश्विास भी बढ़ा। तरूण ने बताया कि उन्होंने बचपन से ही इंजीनियरिंग क्षेत्र में करियर बनाने का सपना संजोकर रखा था, इसलिए गणित विषय लेकर आईआईटी-जेईई की तैयार शुरू की। शिक्षकों के सतत मार्गदर्शन और सहपाठियों के साथ प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण से जेईई एडवांस परीक्षा में सफलता मिली। आईआईटी पटना में अध्ययनरत राजनांदगांव जिले की जागृति कंवर ने अपनी सफलता के अनुभव साझा करते हुए बताया कि प्रयास विद्यालय में आईं तो मन में परिवार से दूर कैसे रहूंगी यही ख्याल था, पर प्रयास में एक नया और बहुत बड़ा परिवार मिला। जल्द ही यह महसूस हुआ कि पढ़ाई के लिए इससे अच्छा वातावरण हो ही नहीं सकता। यहां आकर अपना पूरा ध्यान आईटीआई में प्रवेश के लिए लगा दिया। शिक्षकों के मार्गदर्शन और परिश्रम से उन्हें यह सफलता मिली। उन्होंने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम खपरी सिरदार में हुई है।
सम्मानित होने वाले अन्य विद्यार्थियांे में आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी में अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्रा कुमारी लिशा नेताम ने बताया कि उनके माता-पिता दोनों शिक्षक हैं, इसलिए घर में शुरू से ही पढ़ाई का माहौल रहा है। कोण्डागांव में पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पा रही थी, जिसके कारण उन्होंने रायपुर में पढ़ने के लिए प्रयास प्रवेश परीक्षा की तैयारी की और उनका चयन प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय गुढ़ियारी के लिए हुआ। प्रयास विद्यालय में पढ़ाई के लिए बहुत अच्छा वातावरण है। यहां के शिक्षकों के मार्गदर्शन से उन्हें यह सफलता मिली है। आईआईटी भिलाई में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शाखा में अध्ययनरत धमतरी जिले के श्री धनंजय धु्रव ने प्रयास विद्यालय की प्रशंसा करते हुए बताया कि इस संस्था में अखिल भारतीय इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं के लिए बेहतर ढंग से तैयारी करायी जाती है। उन्होंने बताया कि उनकी बड़ी बहन ने भी इस संस्था में पढ़ाई की है। धनंजय ने यह भी बताया प्रयास विद्यालय में शिक्षकों सतत मार्ग से और सहपाठियों के बीच स्वस्थ स्पर्धा के माहौल ने उनकी सफलता में बड़ी योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि ग्राम डाही में उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई घर परिवार का माहौल खेती किसानी से जुड़ा है।
आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में मेथेमेटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग शाखा में अध्ययनरत राजनांदगांव जिले के श्री लुभास कुमार ने बताया कि शुरू से ही उनकी रूचि गणित और इंजीनियरिंग के पढ़ाई के प्रति थी। कक्षा 8वीं तक की पढ़ाई तहसील छुरिया के गांव पदगुड़ा में ही हुई। विज्ञान विषय में विशेष रूचि होने के कारण उनका चयन प्रयास विद्यालय में हुआ। उन्होंने बताया कि प्रयास विद्यालय में चयन होने से काफी उत्साहित हुआ क्योंकि गांव में हाईस्कूल नहीं था और उन्हें इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी थी। प्रयास विद्यालय में चयन होना उनकी जिंदगी का महत्वपूर्ण टर्निंग पाइंट साबित हुआ। प्रयास विद्यालय के शिक्षकों और सहपाठियों से मिले सहयोग से उनका चयन आई आई टी में हुआ। दुरस्थ अंचलों में रहने वाले प्रतिभावान छात्रों के लिए उनके सपनों को साकार करने में प्रयास विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने प्रयास विद्यालयों के बेहतर संचालन और प्रतिभावान छात्रों को दी जा रही सुविधाओं के लिए छत्तीसगढ़ शासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
कांकेर जिले के अंतागढ़ की छात्रा कुमारी देविका उइके ने बताया कि उन्हें 12वीं बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए और शिक्षकों के मार्गदर्शन से वह एनआईटी रायपुर में अध्ययनरत है। इसी तरह बालोद जिले के विकासखण्ड डौंडी के ग्राम पथराटोला निवासी श्री मनीष कुमार रावटे ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 94.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। वर्तमान में वे आईआईटी बीएचयू में अध्ययनरत हैं। सरगुजा जिले के विकासखण्ड लखनपुर के ग्राम पोडी निवासी श्री आदित्य यादव ने 12वीं की परीक्षा में 92 प्रतिशत अंक प्राप्त किए और वे वर्तमान में आईआईटी बीएचयू में अध्ययन कर रहे हैं। सरगुजा जिले के ही विकासखण्ड लखनपुर के ग्राम काटकोना निवासी श्री प्रवीण कुमार चन्द्रवंशी ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 91.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। वर्तमान में वे आईआईटी बीएचयू में अध्ययन कर रहे हैं। बालोद जिले के विकासखण्ड गुण्डरदेही के ग्राम माहुद निवासी श्री रूद्रप्रताप देवांगन ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 88.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए और वे वर्तमान में आईआईटी आईएसएम धनबाद में अध्ययनरत हैं।

Chhattisgarh