गोड़ादरा स्थित महावीर भवन में साध्वी मण्डल के सानिध्य में मनाया गया रक्षाबंधन पर्व
सूरत(अमर छत्तीसगढ), 19 अगस्त। मरूधरा मणि महासाध्वी जैनमतिजी म.सा. की सुशिष्या सरलमना जिनशासन प्रभाविका वात्सल्यमूर्ति इन्दुप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ गोड़ादरा के तत्वावधान में महावीर भवन में सोमवार को रक्षाबंधन पर्व मनाया गया। इस अवसर पर भाई-बहन ने जोड़े से शांतिनाथ भगवान का जाप करते हुए सर्वमंगल की कामना की। जाप के बाद बहनों ने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र(राखी) बांधा।
इस अवसर पर पूज्य इन्दुप्रभाजी म.सा. ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व संदेश देता है कि किस तरह भाई को बहन की रक्षा के लिए हर समय तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने रक्षाबंधन के जैन धर्म की दृष्टि से विशेष महत्व पर भी चर्चा करते हुए कहा कि यह पर्व केवल भाई-बहन तक सीमित नहीं होकर हमे प्रत्येक असहाय व कमजोर प्राणी की रक्षा करने ओर अपने धर्म की रक्षा करने की भी प्रेरणा देता है।
हम रक्षाबंधन पर अपने देव,गुरू व धर्म की रक्षा का भी संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर भाई-बहन ने जोड़े से बैठते हुए शांति जिनेश्वर साता करो सभी जीवों को सुखी करो का जाप किया। विद्याभिलाषी हिरलप्रभाजी म.सा. ने भजन राखी का त्यौहार बड़ा ही प्यारा होता है की प्रस्तुति दी।
प्रवचन के बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाते हुए बहनों ने अपने भाईयों के कंकु का तिलक लगा कलाई पर राखी बांधी। कार्यक्रम में रोचक व्याख्यानी प्रबुद्ध चिन्तिका डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा.,आगम मर्मज्ञा डॉ. चेतनाश्रीजी म.सा.,तत्वचिंतिका आगमरसिका डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा.,सेवाभावी दीप्तिप्रभाजी म.सा. का भी सानिध्य रहा।
महासाध्वी मण्डल की प्रेरणा से लगा हुआ तपस्याओं का ठाठ
महासाध्वी मण्डल की प्रेरणा से धर्म ध्यान व तप साधना का ठाठ लगा हुआ है। प्रतिदिन तपस्याओं के प्रत्याख्यान लिए जा रहे है। प्रवचन हॉल सोमवार को उस समय तपस्वी की अनुमोदना के जयकारों से गूंजायमान हो उठा जब पूज्य इन्दुप्रभाजी म.सा. के मुखारबिंद से सुश्राविका शिमलाजी सांखला ने 26 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। दीपिका चौधरी व साक्षी बेन ने 8-8 एवं कुसुम बेन डांगी, ममता सहलोत ने 7-7 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। कई श्रावक-श्राविकाओं ने तेला,बेला, उपवास,आयम्बिल, एकासन आदि तप के भी प्रत्याख्यान लिए।
पूज्य इन्दुप्रभाजी म.सा. ने सभी तपस्वियों के प्रति मंगलभावनाएं व्यक्त की। बाहर से पधारे सभी अतिथियों का स्वागत श्रीसंघ एवं स्वागताध्यक्ष शांतिलालजी नाहर परिवार द्वारा किया गया। संचालन श्रीसंघ के उपाध्यक्ष राकेशजी गन्ना ने किया। प्रभावना गुरूभक्त रतनलालजी अंकितकुमारजी बाबेल परिवार अंटाली वालों की ओर से वितरित की गई।
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, लिम्बायत,गोड़ादरा,सूरत
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प्रस्तुतिः निलेश कांठेड़
अरिहन्त मीडिया एंड कम्युनिकेशन,भीलवाड़ा
मो.9829537627