पेंड्रा(अमर छत्तीसगढ़) 6 मई। छत्तीसगढ़ के मरवाही वनमंडल में फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है। इस दौरान 18 लाख रुपये से अधिक रकम का भुगतान किया गया है। इस मामले में मरवाही रेंजर रमेश खैरवार और संलग्नाधिकारी अविनाश एमान्यूअल मुख्य आरोपी है। जलसंवर्धन संरचनाओं के नाम पर 18,27,214 रुपए के फर्जी बिल बनाए गए।
मिली जानकारी अनुसार इसमें झूठी तस्वीरें भी लगाई गईं। साथ ही पेंड्रा एसडीओ की नकली सील और हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया। यह पूरा षड्यंत्र मरवाही रेंजर, अटैच एसडीओ और दो कर्मचारियों की मिलीभगत से रचा गया। मामला तब सामने आया जब तत्कालीन डीएफओ ने वाउचरों को सत्यापन के लिए पेंड्रा एसडीओ के पास भेजा। एसडीओ मोहर सिंह मरकाम ने वाउचर देखते ही स्पष्ट किया कि, न तो हस्ताक्षर उनके हैं और न ही सील असली है। वे अब इस मामले में पुलिस कार्रवाई के लिए आवेदन करने की बात कर रहे हैं। वही मामले में जब संलग्नाधिकारी मरवाही वनमंडल अविनाश एमान्यूअल से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो वह झूठी शिकायत और बेबुनियाद आरोप की बात कहते हुए कैमरा के सामने से ही भाग खड़े हुए।
घोटाले का खुलासा होने के बाद 18 लाख रुपये के भुगतान की प्रक्रिया रोक दी गई है। पेंड्रा रेंज के अन्य वाउचरों के संदिग्ध भुगतान की भी जांच की जा रही है। इस फर्जीवाड़े के सामने आने से वन विभाग में हलचल मच गई है। यह मामला छत्तीसगढ़ वन विभाग की प्रशासनिक पारदर्शिता और नियंत्रण व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।