बिलासपुर पुलिस द्वारा मस्तुरी के बहुचर्चित चोरी का किया पर्दाफाश, अग्रवाल दंपत्ति द्वारा पारिवारिक कलह एवं कर्ज के बोझ से परेशान होकर रची चोरी की झूठी साजिश , बेची गयी ज्वेलरी 161 ग्राम एवं नकदी 19 लाख की रकम बरामद
बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ)मामले का विवरण यह है कि मस्तुरी के जयराम नगर में रहने वाले कमल अग्रवाल जो कि पेशे से व्यापारी है एवं इनकी पत्नी गिरिजा देवी जो कि जयराम नगर की सरपंच पद पर पदस्थ है जिन्होंने थाना मस्तुरी को सुबह 5 बजे टेलीफोन से सुचना दिया कि दिनांक 03-04 की दरमियानी रात्रि इनके निवास स्थान जहाँ निर्माण कार्य चल रहा था जिसके कारण घर में दरवाजा टुटा था एवं एक बेडरूम जिसमे ताला लगा था जिसकी चाबी वही लटक रही थी जिसमें अज्ञात चोर घुस कर लटकी हुई चाबी का उपयोग कर अन्दर रखे आलमारी से करीबन 18 लाख नकदी एवं 10 लाख की ज्वेलरी चोरी कर ले गया है जिसकी सुचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय श्री दीपक कुमार झा को दी गयी जो घटना की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए तत्काल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री रोहित कुमार झा एवं csp चकरभाठा श्रीमती श्रृष्टि चंद्राकर के मार्ग दर्शन में चार विशेष टीम एवं साइबर की अलग टीम का गठन किया गया जो घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुच गये वरिष्ठ अधिकारियो के दिशा निर्देश में टीम द्वारा तत्काल से भौतिक एवं तकनिकी पहलुओ का अध्ययन प्रारंभ किया जाकर जांच शुरू की गयी ।आस पास के 100 से अधिक संदिग्धों , आदतन बदमाशो , निगरानी आदि के एवं घर के सदस्यों काम गारो के मोबाईल रिकार्ड चेक किया गया । मामले में 50 से अधिक cctv फूटेज को खंगाला गया परन्तु अब तक पुलिस को ख़ास सुराग नहीं मिल पाया था इसी दौरान पुलिस को सुचना मिली कि घटना के दिन ही प्रार्थी द्वारा अपने रिश्तेदार को करीबन 19 लाख रूपये दिए थे जिसकी तस्दीक हेतु प्रार्थी एवं उसकी पत्नी से पूछताछ शुरू की गयी प्रारम्भ में दोनों पुलिस को अलग अलग कहानी बता कर गुमराह करने की भरपूर कोशिश की परन्तु पुलिस द्वारा मनोवैज्ञानिक तरीक़े से पूछताछ करने पर धीरे धीरे वास्तविक कहानी सामने आई ।प्रार्थी की पत्नी गिरिजा देवी एवं इसके नौकर सूरज द्वारा 02 दिन पूर्व ही 16 तोले सोने को जांजगीर में 6 लाख में बिक्री किया गया है जहाँ तस्दीक कराये जाने पर बिक्री के दस्तावेज एवं सोना बरामद किया गया । इसके पश्चात् घटना दिनांक के शाम को ही 19 लाख रूपये अपने रिश्तेदार को उधार चुकाने के उद्देश्य से देने की बात प्रार्थी द्वारा स्वीकार की गयी जिसे भी बरामद कर लिया गया है l सम्पूर्ण घटना के पीछे की वास्तविक वजह प्रार्थी का रिश्तेदारों एवं वयापार में लाखो की उधारी से देनदारो से बहुत परेशान होकर उक्त कृत्य को करने की बात प्रार्थी एवं उसकी पत्नी द्वारा स्वीकार की गयी इस प्रकार पारिवारिक अंतर्कलह एवं कर्जदारों से छुटकारा पाने के उद्देश्य से प्रार्थियो द्वारा झूठी कहानी गढ़ी गयी थी l